Saturday, March 20, 2010

देश की पूरी आबादी का बायोमिट्रिक रिकार्ड


भारत की एक अरब से अधिक की पूरी आबादी का बायोमीट्रिक रिकार्ड रखने के अनूठे प्रयास राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर बनाने का कार्य इस साल अप्रैल से शुरू होकर सितंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
   
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दुनिया में अपनी तरह के इस तरह के पहले तंत्र के तहत एक अरब 20 करोड़ से अधिक की विशाल जसनंख्या का बायोमीट्रिक रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया के लिए 3539.24 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को शुक्रवार मंजूरी दे दी।
सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि इस प्रक्रिया में डिजिटल डाटाबेस, फोटो सहित पहचान ब्यौरा, फिंगर प्रिंट और बायोमीट्रिक तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार प्रक्रिया पूरी होने पर पूरी आबादी का यह ब्यौरा विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को भेज दिया जाएगा जो सभी नागरिकों को विशिष्ट पहचान नंबर जारी करेगा।
   
राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर देश में व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार करने का अब तक का पहला प्रयास है । इसके तहत नागरिकों को कार्ड जारी किये जाएंगे, जिसकी लागत प्रति कार्ड 28 रूपये आएगी।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर के तहत सरकार 15 साल और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों का डाटा तैयार करेगी। इसमें जाति के आधार पर कोई ब्यौरा नहीं रखा जाएगा। 15 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता पिता के कार्ड में ही रखा जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया में 25 लाख सरकारी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा, जो 35 राज्यों और संघशासित क्षेत्रों को कवर करेंगे। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हाल ही में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वे राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर में नाम शामिल कराने की कोशिश में सीमा पार से आने वाले लोगों को लेकर सतर्क रहें। राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर से देश में रजिस्टर आधारित जनगणना का रास्ता तैयार होगा और इससे वास्तविक समय के आधार पर आबादी की गणना हो सकेगी।
 

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