सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश में मुसलमानों की पिछड़ी बिरादरियों के चार प्रतिशत आरक्षण को जायज़ ठहराया है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के तहत आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के उस फ़सले को उलट दिया है जिसमें हाई कोर्ट ने राज्य में मुसलमानों की पिछड़ी बिरादरियों को दिया जा रहा आरक्षण इस आधार पर रद्द कर दिया था कि राज्य सरकार ने आरक्षण के लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति जेएम पंचाल और न्यायमूर्ति बीएस चौहान की खंडपीठ ने इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया.
मामले की अगली सुनवाई अगस्त महीने में होगी.
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इस क़ानून से संविधान के महत्तवपूर्ण मुद्दे जुडे़ हुए हैं इसलिए इसे संविधान पीठ से पास भेजा गया है ताकि इसकी वैधता की जांच हो सके.
सुप्रीम कोर्ट ने ये फ़ैसला राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई के दौरान दिया. राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
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