Thursday, March 25, 2010
अमेरिका पाक असैन्य परमाणु करार
पाकिस्तान ने बुधवार को इशारों-इशारों में आवश्यक ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता पर अमेरिका से भेदभावपूर्ण रवैया खत्म करने की मांग की, लेकिन सामरिक वार्ता की शुरुआत में अमेरिका ने पाक के साथ भारत सरीखे असैन्य परमाणु करार पर सीधी टिप्पणी से बचते हुए इस्लामाबाद की ऊर्जा जरूरतों के संबंध में मदद का वादा जरूर किया है। इससे पहले सामरिक बातचीत की तैयारियों के दौरान अमेरिका ने संकेत दिया था कि वह परमाणु सहयोग के संबंध में पाक की मांग पर विचार करने को तैयार है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ पहली अमेरिका-पाक सामरिक संवाद की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मामले का पुराना राग अलापते हुए भारत के साथ इस मामले के शांतिपूर्ण प्रक्रिया से समाधान के लिए अमेरिका से रचनात्मक भूमिका निभाने को कहा। पाक सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी सहित पाकिस्तान के शिष्टमंडल का नेतृत्व करने वाले कुरैशी ने महत्वपूर्ण ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में भेदभाव समाप्त करने की मांग की। कुरैशी ने कहा, हमें आशा है कि ऊर्जा के महत्वपूर्ण संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में भेदभाव समाप्त होगा और हमारे लिए भी रास्ते खुलेंगे ताकि हम अपने आर्थिक और औद्योगिक विकास के कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकें। कश्मीर मामले की तान छेड़ते हुए कुरैशी ने कहा, कश्मीर सहित दक्षिण एशिया में सभी लंबित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पाकिस्तान अपने प्रयास जारी रखेगा। हमें आशा है कि अमेरिका इस प्रक्रिया में अपनी रचनात्मक भूमिका जारी रखेगा। कुरैशी के भाषण के बाद हिलेरी ने कहा, जिस प्रकार मैत्रीपूर्ण संबंधों या परिवार के सदस्यों के बीच होता है भविष्य में भी अधिक असहमतियां होंगी, लेकिन आज नए दिन की शुरुआत है। एक वर्ष से ओबामा प्रशासन ने अपनी कथनी-करनी से पाक के प्रति एक अलग दृष्टिकोण दिखाया है। अमेरिका-पाक संबंधों में नई गर्मजोशी का संकेत देते हुए हिलेरी ने कहा कि पाकिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा सुदृढ़ करना अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है।
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