केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को माना कि देश के 34 जिलों को नक्सलवादी नियंत्रित करते हैं, जबकि करीब दो सौ जिलों में उनकी मौजूदगी है। उन्होंने नक्सली समस्या को जिहादी आतंकवाद से ज्यादा गंभीर बताते हुए भरोसा दिलाया कि यूपीए-2 सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नक्सली समस्या से निजात पा ली जाएगी। इंडिया टुडे कान्क्लेव में गृह मंत्री ने कहा कि शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश से उग्रवाद से निबटने के लिए शानदार सहयोग मिल रहा है, लेकिन नेपाल में अभी भी भारत विरोधी गतिविधियां पनप रही हैं। उन्होंने माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बल के प्रयोग को न्यायोचित बताया। चिदंबरम ने कहा कि माओवादियों का लक्ष्य सत्ता पर कब्जा करने का है। उन्होंने माओवादियों को वार्ता की सरकार की पेशकश का जिक्र करते हुए सवाल किया कि आखिर माओवादी क्यों एक सामान्य सा बयान नहीं दे रहे हैं कि वे हिंसा का परित्याग कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले नक्सल प्रभावित इलाकों पर नियंत्रण बहाल करने के बाद वहां विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर चिदंबरम ने कहा कि लश्कर, हिज्बुल मुजाहिदीन, जमात उद दावा और अल बद्र जैसे संगठनों को पाक के सरकारी तत्व मदद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। इसीलिए हमें निश्चित तौर पर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले महीने दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच हुई बातचीत से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उधर, पाकिस्तानी उच्चायुक्त शाहिद मलिक ने गृहमंत्री के साथ वाकयुद्ध के दौरान कहा कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान के सरकारी तत्व शामिल नहीं हैं। चिदंबरम ने पाक उच्चायुक्त के दावों को यह कहते हुए तत्काल खारिज कर दिया कि भारत ने जिन संदिग्धों की सूची सौंपी है, अगर पाकिस्तान उनकी आवाज के नमूने दे देता है तो इसकी जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर के हमलावरों और पाकिस्तान में उनके आकाओं की आवाज के रिकार्ड का अमेरिकी प्रयोगशाला में मिलान किया जा सकता है। तब हमें पता लग जाएगा कि वह व्यक्ति सरकारी तत्व है या नहीं। गृह मंत्री ने कहा कि अगर हम स्वीकार भी कर लें कि हमलों के पीछे सरकारी तत्वों का हाथ नहीं है तो क्या पाकिस्तान का यह दायित्व नहीं है कि वह उन गैर सरकारी तत्वों पर नियंत्रण या उनका सफाया करे, जो उसकी धरती से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि अगर 26 नवंबर की तरह का हमला फिर से हुआ तो भारत का क्या जवाब होगा, इस पर चिदंबरम ने कहा कि अगर ठोस रूप में इसे स्थापित किया जा सका कि यह पाकिस्तानी धरती से हुआ है, तो हम तेजी से निर्णायक कार्रवाई करेंगे। क्या यह सैन्य विकल्प होगा, चिदंबरम ने कहा कि जब हम तेजी से निर्णायक कार्रवाई करेंगे, तब आप उस पर टिप्पणी कर सकते हैं
Saturday, March 13, 2010
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