Monday, March 22, 2010

प्रदूषण नियंत्रण मानदंड बीएस- चार


मशेलकर समिति की सिफारिशों के अनुरूप एक अप्रैल से भारत वाहन उद्योग के लिए पहले से अधिक कठोर प्रदूषण नियंत्रण मानदंड लागू कर रहा है। इसके तहत 13 प्रमुख शहरों में भारत चरण (बीएस- चार) वाले वाहनों की ही बिक्री की अनुमति होगी। शेष स्थानों पर बीएस-3 मानक के वाहन बिकेंगे। गोयन्का ने कहा, 'नए प्रदूषण मानदंड को पूरा करने के लिए ऑटो निर्माताओं को वाहन में कुछ पुरानी तकनीक को बदलनी होगी।'

भारत-3 मानक के अनुसार, दोपहिया वाहनों के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन्स सहित नाइट्रोजन का ऑक्साइड 1.50 ग्राम प्रति किमी से 1.0 ग्राम प्रति किमी तक लाया जाना है।

अर्न्सट एंड यंग के ऑटोमोटिव क्षेत्र के राष्ट्रीय प्रमुख राकेश बत्रा ने कहा, 'मौजूदा समय में इस्तेमाल हो रही कई पुरानी कारों के इंजन और उनकी प्रणाली में बड़े बदलाव करने की जरूरत होगी। नए मॉडलों में फेरबदल अपेक्षाकृत आसान होगा।'

बत्रा ने कहा, 'सरकार एक अप्रैल की समय सीमा को छह महीने के लिए टाल सकती है क्योंकि नए मानक के वाहनों के लिए जरूरी तेल उपलब्ध नहीं है। अच्छी बात है कि ऑटो उद्योग इस मानक के लिए तैयार है।'

फिएट इंडिया के चेरमैन एवं सीईओ राजीव कपूर ने कहा कि ऑटो उद्योग नए प्रदूषण मानदंड को पूरा करने के लिए तैयार है। नए मानकों को अपनाकर भारत इस मामले में यूरोपीय मानकों के नजदीक पहुंच जाएगा।

एशिया मोटरर्वक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिरूद्ध भुवालका ने बताया, 'बीएस-4 मानक को लागू होने के बाद भी हम अभी अमेरिकी और यूरोपीय मानदंड से पीछे हैं। हमें उनके अनुभवों से सीखना चाहिए।'

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