Friday, May 30, 2014

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. डोभाल आईबी के पूर्व निदेशक हैं.  अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे. और नौ साल पहल यानी साल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के मुखिया के पद से रिटायर हुए हैं. उन्हें 37 साल का तजुर्बा तो है ही वाजपेयी सरकार में मल्टी एजेंसी सेंटर और ज्वाइंट इंटेलिजेंस टास्क फोर्स के चीफ के तौर पर बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के साथ काम भी कर चुके हैं.

24 दिसंबर 1999 को एयर इंडिया की फ्लाइट आईसी 814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया और उसे कांधार ले जाया गया. भारत सरकार एक बड़े संकट में फंस गई थी. ऐसे में संकटमोचक बनकर उभरे थे अजीत डोभाल. अजीत उस वक्त वाजपेयी सरकार में एमएसी के मुखिया थे. आतंकवादियों और सरकार के बीच बातचीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई और 176 यात्रियों की सकुशल वापसी का सेहरा डोभाल के सिर बंध गया था.

अजीत डोभाल ने सीमापार पलने वाले आतंकवाद को करीब से देखा है और आज भी आतंकवाद के खिलाफ उनका रुख बेहद सख्त माना जाता है.

अजीत डोभाल उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते. उन्हें आज भी लगता है मजबूत इरादे एक दिन दाऊद को सलाखों के पीछे जरूर ला खड़ा करेंगे.

डोभाल की खासियत ये भी है कि वो अपने विरोधियों पर मनोवैज्ञानिक असर डालने में महारत रखते हैं. उत्तरपूर्व में मिजो नेशनल आर्मी के मुखिया लाल डेंगा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बतौर आईबी चीफ डोभाल ने उनके 6 में 5 कमांडरों को उनके खिलाफ भड़का दिया था और यहां तक कि लाल डेंगा को अपने चीफ कमांडर को ये कहना पड़ा था कि अगर उन्होंने डोभाल की बात मानी तो उनकी छुट्टी कर दी जाएगी.

मिजो नेशनल आर्मी में सेंध लगाकर उन्होंने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दिल जीत लिया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें महज 6 साल के करियर के बाद ही इंडियन पुलिस मेडल से सम्मानित किया था जबकि परंपरा के मुताबिक वो पुरस्कार कम से कम 17 साल की नौकरी के बाद ही मिलता था.

यही नहीं राष्ट्रपति वेंकटरमन ने अजीत डोभाल को 1988 में कीर्तिचक्र से सम्मानित किया तो ये भी एक नई मिसाल बन गई. अजीत डोभाल पहले ऐसे शख्स थे जिन्हें सेना में दिए जाने वाले कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

अजीत डोभाल की कामयाबियों की लिस्ट में आतंक से जूझ रहे पंजाब और कश्मीर में कामयाब चुनाव कराना भी शामिल है. यही नहीं उन्होंने 6 साल पाकिस्तान में भी गुजारे हैं और चीन, बांग्लादेश की सीमा के उस पार मौजूद आतंकी संगठनों और घुसपैठियों की नाक में नकेल भी डाली है.

अजीत को मौत का खौफ भी नहीं सताता. 1989 के ऑपरेशन ब्लैक थंडर की जब स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए 300 सिक्योरिटी गार्ड और 800 बीएसएफ के जवानों ने धावा बोला था. कहा जाता है कि खुद अजीत डोभाल उस वक्त हरमिंदर साहब के अंदर मौजूद थे. उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी.

अजीत का मानना है कि आतंक के लड़ाई के लिए एनसीटीसी यानी नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर जैसी किसी बड़ी संस्था की जरूरत है जो एक मुकम्मल लड़ाई लड़ सके.

Thursday, May 1, 2014

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अमेरिकी सेना की वापसी के बाद पहली बार इराक में हुए आम चुनाव में बुधवार को वोट डाले गए. हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान हुए हमलों और कुछ जगह पर मतदान केंद्रों को निशाना बनाए जाने के बावजूद मतदान केंद्रो पर सुबह से ही कतारें लगना शुरू हो गई थी. वहीं बगदाद में राशिद होटल में अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए बने मतदान केंद्र में वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने तीसरी बार सत्ता में वापसी की उम्मीद जताई.
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मंगल ग्रह पर पहुंचने के करीब साल भर बाद नासा के क्यूरियॉसिटी रोवर ने इस लाल ग्रह की तीसरी खुदाई को तैयार है। इसके नमूनों के विश्लेषण से इस ग्रह पर जीवन के लक्षणों के बारे में पता चल सकेगा। 
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 परचेजिंग पावर पैरिटी (पीपीपी) के आधार पर भारत महज छह साल में जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत ने वर्ष 2011 में यह मुकाम हासिल किया है। 2005 में वह 10वीं पायदान पर था। वहीं, अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहा और इसके बाद चीन दूसरे स्थान पर कायम है। बैंक के अंतरराष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम (आईसीपी) के तहत बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह रैंकिंग दी गई है। इसके मुताबिक 2011 में भारत का जीडीपी 5.75 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि जापान का 4.37 लाख करोड़ रुपए था।
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राष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए नामीबिया की सरकार ने भारत में बने 3,400 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीदे हैं। इस उपकरण का एशिया के कई देश स्वतंत्र और सहज चुनाव संपन्न कराने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि नामीबिया की सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की बेंगलुरू स्थित इकाई से इवीएम की खरीद की है। इस उपकरण का दक्षिण अफ्रीकी देश में नवंबर में होने जा रहे चुनाव में इस्तेमाल होगा।