Tuesday, April 6, 2010
महंगाई पर अंकुश लगाने की जरूरत
देश में लगातार बढती महंगाई पर अंकुश लगाने के उपायों पर व्यापक चर्चा करने के लिए वाणिज्यिक बैंकों ने रिजर्व बैंक की 20 अप्रेल को घोषित की जाने वाली सालाना मौद्रिक नीति के पूर्व सोमवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव से चर्चा की।
बैंक प्रमुखों ने इस मौके पर अपने सूझावों में कहा, ऋण उपलब्धता के लिए बैकिंग तंत्र में फिलहाल पर्याप्त पूंजी मौजूद है और नकद सुरक्षित अनुपात सीआरआर में आगे और बढोतरी महंगाई से निबटने के लिए कारगर साबित हो सकती है।
डॉ. सुब्बाराय और बैंक प्रमुखों के बीच बातचीत मुख्य रूप से महंगाई पर अंकुश लगाने के उपायों पर ही केंद्रित रही। भारतीय बैंक संघ की अध्यक्षता कर रहे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम वी नायर ने कहा, मुद्रास्फीति का आंकडा तेजी से बढ रहा है, जो चिंता का सबब है। आर्थिक वृद्धि पर महंगाई का असर नहीं पडना चाहिए।
थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति सूचकांक फरवरी के अंत में 9.89 फीसदी तक पहुंच गया> और मार्च में यह 10 फीसदी का आकंडा पार कर सकता है। ऎसे में केंद्रीय बैंक सीआरआर बढा सकता है। हालांकि बैंकर मान रहे है कि सीआरआर बढने पर भी नकदी पर्याप्त रहेगी। लेकिन इससे बैंकों के मार्जिन पर असर पडेगा। बचत खाते में ब्याज की दैनिक गणना शुरू होने पर बैंकों का मार्जिन पहले ही घटा है।
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filhaal ye sambav nhi hai
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