Thursday, April 8, 2010

परमाणु हथियारों में कटौती के ऐतिहासिक समझौते पर साइन

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति दिमित्रि मेदवेदेव ने परमाणु हथियारों में कटौती के ऐतिहासिक समझौते पर साइन कर दिए हैं। शीत युद्ध काल के दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच हथियारों की कटौती के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी डील है। 

प्राग कासल के स्पैनिश हॉल में साइन की गई न्यू स्ट्रटीजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी (स्टार्ट) के तहत दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों को पहले से तैनात एटमी वॉरहेड की तादाद कम करके 1550 तक लानी होगी, जो 2002 में तय की गई सीमा से भी 30 पर्सेंट कम है। यह संधि इंटर कॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) और बॉमरों की तादाद को सीमित करती है, जो 700 से ज्यादा नहीं हो सकती। इस ट्रीटी को रूसी संसद और अमेरिकी सेनेट से मंजूरी मिलते ही इसके प्रावधानों को सात साल में अमल में लाना है। इसके बाद यह संधि 1991 की स्टार्ट संधि की जगह लेगी, जो दिसंबर में खत्म हुई।




वैसे, परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए गठित अंतरराष्ट्रीय आयोग ने कहा है कि 2025 तक रूस और अमेरिका अपने एटमी हथियारों की तादाद घटाकर 1000 तक ले आएं।

मेदवेदेव ने कहा कि इस संधि अमेरिका और रूस के बीच सहयोग का स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पहले रूस के विदेश मंत्री ने कहा था कि यह संधि दोनों देशों के बीच भरोसे के नए अध्याय को दर्शाती है। साथ ही, आगाह किया कि अगर रूस को अमेरिकी मिसाइल सेफ्टी सिस्टम से खतरा महसूस हुआ तो हम संधि से पीछे हट सकते हैं। बीते मंगलवार को ओबामा ने अमेरिकी एटमी रिव्यू जारी करते हुए कहा था कि अमेरिका उस देश पर एटमी हथियारों से हमला नहीं करेगा, जिनके पास ऐसे हथियार नहीं हैं। साथ ही, जैविक, केमिकल या परंपरागत हथियारों से हमले पर एटमी हमले के विकल्प को खत्म किया जाएगा। 

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