Sunday, April 4, 2010

जस्टिस दिनकरन को छुट्टी

सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में फंसे कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.डी. दिनकरन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। उन्हें छुट्टी पर चले जाने के लिए कहा गया है। उनकी तरक्की पहले ही रोकी जा चुकी थी। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर को दिनकरन की जगह कर्नाटक भेजने का निर्णय किया है। कोलीजियम ने झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठतम जज एम.वाई. इकबाल को मद्रास हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। वह सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए एच.एल. गोखले की जगह लेंगे। दिनकरन के खिलाफ की गई कार्रवाई का कर्नाटक हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने स्वागत किया है। एसोसिएशन ने ही दिनकरन द्वारा पद का दुरुपयोग और जमीन कब्जा किए जाने का मामला जोर-शोर से उठाया था। मामला तूल पकड़ने पर स्थानीय प्रशासन से इसकी जांच कराई गई। इसके बाद दिनकरन को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में तरक्की देने का फैसला टाल दिया गया था। बीते दिसंबर में राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का सांसदों का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया था। प्रस्ताव में भ्रष्टाचार, जमीन पर कब्जा करने और पद का दुरुपयोग करने जैसे आरोप लगाते हुए दिनकरन को पद से हटाए जाने की मांग की गई है। प्रस्ताव में दिनकरन पर आय से ज्यादा संपत्ति रखने, पत्‍‌नी और बेटियों के नाम पर गलत ढंग से पांच सरकारी प्लाट आवंटित कराने, बेनामी लेनदेन करने, तय सीमा से ज्याद खेती लायक जमीन रखने जैसे आरोप भी लगाए गए हैं। अंसारी ने दिनकरन पर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी है। महाभियोग का प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद से 59 वर्षीय दिनकरन ने खुद को अदालती कामकाज से अलग कर रखा था।

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