Saturday, December 5, 2009
अपने खिलाफ आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रोका
जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का ब्यौरा देने के केंद्रीय सूचना आयोग यानी सीआईसी के आदेश पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शीर्ष कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के जज से संपर्क करने वाले मंत्री के मामले से जुड़े पत्राचार का ब्यौरा देने के आदेश पर भी रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी एवं दीपक वर्मा की पीठ ने सीआईसी के फैसले को चुनौती देने वाली सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की याचिका पर सुनवाई कर सूचना मांगने वाले सुभाष अग्रवाल को नोटिस जारी किया और आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से अटार्नी जनरल जीई वाहनवती व देवदत्त कामत ने कहा, याचिका में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा शामिल है। सूचना आयोग ने जजों की नियुक्ति का ब्यौरा देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट को इस पर विचार करना चाहिए और जब तक सुनवाई हो आयोग के आदेश पर रोक लगा दी जाये। दूसरी तरफ सुभाष अग्रवाल की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह मामला सूचना देने से छूट के प्रावधान में नहीं आएगा। सुप्रीम कोर्ट फिड्यूसरी राइट का दावा कर रहा है जजों की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश के फिड्यूशरी राइट में कैसे आ सकती है। ये तो उनके दफ्तरी कामकाज का हिस्सा है। एसपी गुप्ता मामले में सात जजों की पीठ ने स्पष्ट किया है कि कौन सी सूचना दी जा सकती है। तब सूचना कानून नहीं था अब तो यह कानून बन गया है। भूषण की दलीलों पर पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सुप्रीमकोर्ट अपने मामले में पीछे हट रहा है
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