Saturday, December 5, 2009

एम्मार एमजीएफ पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा

एम्मार एमजीएफ पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। गुरुवार देर रात तक चले छापे में ईडी को मिले दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि एम्मार एमजीएफ ने काले धन को सुरक्षित रखने वाले टैक्स हैवेन देशों के मार्फत बड़ी मात्रा में पैसा भारत में लगाया है। एम्मार की तमाम छोटी छोटी कंपनियां इन देशों में पंजीकृत हैं। कंपनी ने विदेशी निवेश के नाम पर लाए गए पैसे को परियोजनाओं में निवेश करने बजाय यात्री विमान खरीदने में लगा दिया। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एम्मार एमजीएफ ने लगभग 350 कंपनियां बनाई हुई थी। इनके निदेशक एम्मार एमजीएफ के ही छोटे-छोटे कर्मचारी हैं। इन कंपनियों में से अधिकांश साइप्रस, कैमन आइलैंड, मॉरीशस और सिंगापुर में रजिस्टर्ड हैं। ये देश काले धन के सुरक्षित निवेश केंद्रों में गिने जाते हैं। उन्होंने कहा,एम्मार एमजीएफ ने इन्हीं कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में काला धन भारत में लगाया है। भारत में पहुंचने के पहले इस पैसे को इन्हीं कंपनियों के बीच कई बार घुमाया गया ताकि इसके मूल स्त्रोत का पता नहीं चल सके। ईडी को मिले दस्तावेजों से इस बात के सबूत मिले हैं कि एम्मार एमजीएफ ने एफडीआई के रूप में भारत लाए गए 6,000 करोड़ में से बड़ी राशि खेती की जमीन खरीदने में लगा दी, जो सीधे तौर पर एफडीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। कोई भी कंपनी एफडीआई के रूप में लाए गए पैसे का उपयोग खेती की जमीन खरीदने में नहीं कर सकती। कंपनी के पास इस वक्त भारत में कुल 12,800 एकड़ जमीन है, जिनमें 8,700 एकड़ कृषि भूमि है। ईडी के अनुसार खेती की जमीन का अधिकांश भाग एफडीआई के पैसे से खरीदा गया है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी निदेशक श्रवण गुप्ता ने ईडी के सामने खेती की जमीन खरीदने की बात स्वीकार भी की है। एम्मार एमजीएफ ने एफडीआई के पैसे को खेती की जमीन के आलावा दूसरी चीजें खरीदने में भी खर्च कर दिया, जिनमें एक हवाई जहाज भी शामिल है। छापे के दौरान एम्मार एमजीएफ के ठिकानों से नौ करोड़ रुपये व दो किलो सोना भी बरामद हुआ है। पांच लाख रुपये की विदेशी मुद्रा भी बरामद गई है

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