अलग तेलंगाना राज्य को लेकर आंध्र प्रदेश में चल रहे आंदोलन पर दिल्ली में हुई कई महत्वपूर्ण बैठकों के बाद केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरु की जाएगी.
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने देर रात पत्रकारों को बताया कि इसके लिए राज्य विधानसभा में समुचित प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
हालांकि उन्होंने इसकी कोई तारीख़ नहीं बताई है.
इस घोषणा के बाद से हैदराबाद में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं ने इसे तेलंगाना की जनता की जीत बताया है.
उधर हैदराबाद में पिछले 11 दिनों से आमरण अनशन कर रहे टीआरएस के चंद्रशेखर राव ने 'जय तेलंगाना' के नारों के बीच निज़ाम इंस्टिट्यूट में अपना अनशन समाप्त कर दिया है.
उनकी हालत ख़राब हो जाने के बाद बुधवार को उन्हें इंजेक्शन के ज़रिए तरल पदार्थ दिया गया था, जिससे उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था.
लेकिन दूसरी ओर तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के राजनीतिज्ञों में खलबली मच गई है और राज्य के गठन का विरोध करते हुए सभी दलों के कम से कम 93 विधायकों और दो सांसदों ने इस्तीफ़े दे दिए हैं.
विधायकों के इस्तीफ़े विधानसभा स्पीकर के पास भेजे गए हैं और उन्होंने कहा है कि वे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सभी विधायकों से व्यक्तिगत रुप से चर्चा करने के बाद ही इस्तीफ़ों के बारे में कोई फ़ैसला करेंगे.
इस बीच आंध्र प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरु करने के मसले पर वह पीछे हटने वाली नहीं है, हालांकि यह घोषणा अभी भी नहीं की गई है कि विधानसभा में राज्य के गठन के संबंध में प्रस्ताव कब पेश किया जाएगा.
इस्तीफ़े
बुधवार को आधी रात को केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की घोषणा का जो जश्न शुरु हुआ था वह गुरुवार को दिन भर भी जारी रहा.
टीआरएस नेता चंद्रशेखर राव ने 11 दिन का आमरण अनशन बुधवार की रात ही ख़त्म कर दिया था.
उन्होंने केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा था कि यह तेलंगाना के लोगों के लिए 50 वर्षों का सपना पूरा होने की तरह है.
लेकिन तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के राजनीतिज्ञों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है
No comments:
Post a Comment