Thursday, June 19, 2014

पीलीभीत बाघ अभयारण्य


उत्तर प्रदेश को एक और बाघ अभयारण्य मिल गया है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित लगभग 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले पीलीभीत बाघ अभयारण्य के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। कॉर्बेट पार्क के उत्तराखंड में चले जाने के बाद उत्तर प्रदेश में दुधवा और अमानगढ़ बाघ अभयारण्य क्षेत्र ही बचे थे। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पीलीभीत को नया बाघ अभयारण्य क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके बाद पीलीभीत देश का 45वां बाघ अभयारण्य क्षेत्र बन गया है। इससे पहले इसी वर्ष फरवरी में पीलीभीत को वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष हुई गणना में उत्तर प्रदेश में मौजूद कुल 118 बाघों में से पीलीभीत में 30 बाघ पाए गए थे। पीलीभीत में बाघों के लगातार हो रहे प्रजनन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसे बाघ अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों के प्रजनन के लिए प्रदेश में पीलीभीत सबसे उपयुक्त क्षेत्र है।
पीलीभीत को बाघ अभयारण्य घोषित किए जाने के बाद अब प्रदेश सरकार नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी मिलने वाले अनुदान की सहायता से इस क्षेत्र का विकास करेगी। पीलीभीत के जंगलों में बाघों के रहवास के लिए आदर्श परिस्थितियां मौजूद हैं। यहां न केवल बाघों के पर्याप्त पोषण के लिए शिकार मौजूद हैं, बल्कि तराई क्षेत्र की वनस्पति भी उनके रहने के लिए अनुकूल है। पीलीभीत के जंगलों में बाघों के आहार के लिए बड़ी संख्या में चीतल हिरन, जंगली सूअर, सांभर हिरन और अन्य शाकाहारी जीव पाए जाते हैं। पीलीभीत बाघ अभयारण्य का क्षेत्रफल लगभग 73,000 हेक्टेयर होगा जिसका दायरा नेपाल सीमा तक होगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य में दुधवा को 1987 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था जबकि अमानगढ़ को 2012 में घोषित किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार शुरुआत में बाघों के आवागमन के लिए बहराइच का कतरनियाघाट-दुधवा-पीलीभीत-अमानगढ़ क्षेत्र सबसे सुरक्षित हुआ करता था। बाद में रिहाइशी क्षेत्र के आ जाने से यह आवागमन बाधित होने लगा था। इसके बाद बड़ी में बाघों नें पीलीभीत के जंगलों को ही अपना ठिकाना बना लिया था।
विश्व में मौजूद 2,500 बाघों में से केवल भारत में 1,706 बाघ हैं। उत्तर प्रदेश में दुधवा, अमानगढ़ और पीलीभीत के अलावा बाघों की सबसे अधिक रिहाइश बहराइच के कतरनिया घाट और श्रावस्ती के सुहेलवा के जंगलों में है।

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