Thursday, August 14, 2014

इंडियन कबड्डी लीग

26 जुलाई (शनिवार) से आईकेएल यानी इंडियन कबड्डी लीग शुरू हो चुका है। 

इंडियन कबड्डी लीग में कुल 8 टीमें हैं, जिनमें दुनिया भर के खिलाड़ी एक-दूसरे का सामना करेंगे। ये आठ टीमें हैं : बंगाल वॉरियर्स बेंगलुरु बुल्स दबंग दिल्ली जयपुर पिंक पैंथर्स पटना पाइरेट्स पुनेरी पल्टन तेलुगू टाइटंस यू मुंबा

लीग के दौरान कुल 60 लीग मैच होंगे। कुल 34 दिन चलनेवाले इस मेले का सेमीफाइनल 29 अगस्त को बेंगलुरु में होगा। टीम के मालिकों में ऐक्टर अभिषेक बच्चन से लेकर बिग बाजार वाला फ्यूचर ग्रुप तक शामिल हैं, तो फिल्म स्टार सलमान खान इसका प्रचार कर रहे हैं। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, इरान, ब्रिटेन, साउथ कोरिया, ताइवान आदि देशों के खिलाड़ी भी इसका हिस्सा हैं। आईपीएल की तरह ही कबड्डी लीग के लिए भी खिलाड़ियों की बोली लगी। इसमें सबसे ज्यादा पैसा इंडियन कबड्डी टीम के मेंबर और अर्जुन पुरस्कार विजेता राकेश कुमार को मिला। उन्हें पटना पाइरेट्स ने 12.80 लाख रुपये में खरीदा। विदेशी खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा ईरान के मुस्तफा नौदेही को 6.6 लाख रुपये में पुनेरी पल्टन ने खरीदा।

     कब और कैसे शुरु हुई कबड्डी
माना जाता है कि कबड्डी हमारे देश का सबसे पुराना खेल है। इसकी शुरुआत कब हुई, यह कहना मुश्किल है, पर यह तय है कि काफी पुराना खेल है। माना जाता है कि कबड्डी का जन्म तमिलनाडु में हुआ। कबड्डी शब्द तमिल काई-पीडि (चलो हाथ पकड़े हैं) से बना है। पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में इसे राज्य खेल का दर्जा हासिल है। हमारे देश की मिट्टी से जुड़े इस खेल के कुल 3944 रजिस्टर्ड क्लब हैं। कबड्डी हमारे पड़ोसी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। वैसे, हिंदुस्तान की कबड्डी की टीम दुनिया की बेताज बादशाह है। 1990 में पहली बार कबड्डी को एशियाई खेलों में शामिल किया गया। तब से लेकर आज तक हर बार भारत ने गोल्ड मेडल जीता है। भारत के अलावा यह खेल बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, मलयेशिया और इंडोनेशिया में भी खेला जाता है।

खेल-खिलाड़ी और नियम
कबड्डी के खेल में दोनों तरफ 7-7 खिलाड़ी होते हैं। 5-5 खिलाड़ी रिजर्व में रहते हैं। खेल का मैदान 12.5 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा होता है और दो हिस्सों में बंटा रहता है। खेल 20-20 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है। अटैक करने वाली टीम का एक खिलाड़ी बिना सांस तोड़े कबड्डी... कबड्डी... कहता हुआ दूसरी तरफ जाता है। उसकी कोशिश होती है कि एक सांस में विरोधी टीम के ज्यादा-से-ज्यादा खिलाड़ियों को छुए और अपने खेमे में लौट आए। वह जितने खिलाड़ियों को छूता है, उसकी टीम को उतने ही नंबर मिलते हैं। अगर उसे विपक्ष के खिलाड़ी घेरने में कामयाब हो जाते हैं और उसकी सांस वहीं टूट जाती है तो वह खेल से बाहर हो जाता है। जिस टीम को ज्यादा नंबर मिलते हैं, वही विजयी रहती है।

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